जौनपुर जनपद के मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के ताजुद्दीनपुर गांव में भैंस की दूध का इनरी खाने पर परिवार के 10 सदस्यों की हालत बिगड़ गई। सभी को फूड प्वॉइजनिंग हो गया। गंभीर हालत में सभी को सीएचसी में भर्ती कराया गया है। हालांकि अभी सभी लोगों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक मड़ियाहूं कोतवाली के ताजुद्दीनपुर गांव निवासी संजय कनौजिया के घर बुधवार की रात 12 बजे उनकी भैंस ने एक बच्चा जन्म दिया था। जन्म के बाद परिजनों ने भोर में उसका दूध निकालकर रख लिया। उसके बाद दोपहर का भी दूध को निकाला गया। फिर इस दूध से इनरी बनाने के लिए उसको पकाया। पकाने के बाद इनरी गर्म होने की वजह से उसे खाया नहीं गया। बल्कि ढककर रख दिया गया। गुरुवार की सुबह 8 बजे परिवार के अवधेश कनौजिया (17), सुजाता (20), निखिल (15), गुड्डी (35), बिंदु (45), खुशबू (18), निलेश (13), निकेतन (15), नीलेश (12), निशांत (9) ने इनरी को खाया। सुबह 10 बजते बजते सभी परिवार वालों की हालत बिगड़ने लगी। सभी ने उल्टी करना शुरू कर दिया। उल्टी दस्त होने से स्थिति खराब हो गई। आसपास के लोगों ने तुरंत सीएचसी मड़ियाहूं को सूचित किया।
संजय के छोटे भाई संदीप कन्नौजिया एवं ग्रामीणों ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी एमएस यादव ने सभी का इलाज किया। इन्हें दवाई दी गई। शाम चार बजे तक सभी की उल्टी दस्त बंद हुई। चिकित्सधिकारी एमएस यादव ने कहा कि 24 घंटे से अधिक रखा गया दूध के इनरी को खाने से फूड प्वॉइजनिंग की समस्या उत्पन्न हुई है। सभी पीड़ित खतरे से बाहर हैं। उन्हें सलाह दिया गया है कि कभी भी बासी खाना अथवा अन्य सामान न खाएं। उन्हें अस्पताल में रखने के बाद शुक्रवार को छुट्टी दी जाएगी।