इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर के बक्सा थाना पुलिस कस्टडी में पुजारी यादव की हत्या और लूट के आरोपित पुलिसकर्मी को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि एम्स के डाक्टरों की टीम ने पिटाई की वजह से आई चोटों से मौत होने की बात मानी है। हाई कोर्ट ने कहा कि नेचुरल मौत नहीं है।हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपित अनुशासित पुलिस बल का सदस्य है जिस पर कानून व्यवस्था कायम रखने एवं नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। योजनाबद्ध षड्यंत्र कर लूटपाट करना और पुलिस कस्टडी में मौत के आरोप से स्पष्ट है कि पुलिस शक्ति का दुरूपयोग किया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने पुलिस कर्मी रामकृत यादव की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता एनआइ जाफरी और सीबीआइ के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश तथा संजय कुमार यादव ने पक्ष रखा।
बताते चले कि 11 फरवरी 2021 की रात साढ़े बारह बजे अजय कुमार सिंह बक्सा थाना इंचार्ज के नेतृत्व में एसओजी की टीम शिकायतकर्ता अजय कुमार यादव के घर में घुसी और तलाशी ली। बक्से का ताला तोड़कर 60 हजार रूपये तथा ज़ेवर लूट लिए। अजय के भाई कृष्ण कुमार यादव उर्फ पुजारी यादव को पुलिसवाले पकड़कर थाने ले गए। साथ ही पुजारी की मोटरसाइकिल को भी उठा ले गई। थाने पर घरवालों से मिलने नहीं दिया गया। सुबह बताया कि पुजारी यादव की मौत हो गई है। रात की घटना की सूचना पुलिस अधिकारियों को दी गई। कहीं सुनवाई न होने पर अजय कुमार यादव ने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट को पुलिस ने नई कहानी बताई कि बिरहदपुर गांव के पास मोटर साइकिल टक्कर में लोगों ने मारापीटा जिसमें वह घायल हो गया था और इसी चोट से उसकी मौत हो गई। घटना की न्यायिक मजिस्ट्रेट से भी जांच कराई गई।