जौनपुर जनपद के जफराबाद हौज खास गांव की लक्ष्मी सिंह की हत्या की जांच आठ साल बाद की जाएगी। मुख्यमंत्री के सयुंक्त सचिव ने इसका आदेश दिया। लक्ष्मी सिंह पत्नी रतन सिंह परमार का शव 29 अक्तूबर 2014 की रात को गांव से कुछ किमी दूर वाराणसी जफराबाद रेलवे लाइन पर भीखमपुर गांव के पास मिला था। घटना से तीन दिन पहले रतन सिंह परमार को पुलिस ने एक मामले में 151 में चालान किया था। उनको तीन दिन के लिए जेल भेज दिया गया। पत्नी की मौत के बाद 30 अक्तूबर को रतन सिंह जेल से घर आया। उसने गांव के ही तीन लोगों समेत पांच पर लूट और हत्या का आरोप लगाया था। उसने बताया कि उसके पुत्रों ने पांचों लोगों को देखा था।
लक्ष्मी सिंह के पिता इलाहाबाद के उपरदहा निवासी ठाकुर लाल सिंह ने पति रतन सिंह तथा उनके पिता गुलाब सिंह सहित पांच लोगों के विरुद्ध प्रताड़ना की तहरीर दी। रतन को पुलिस ने जेल भेज दिया था। आठ महीने वह जेल में रहा। 2017 में कोर्ट ने रतन को बरी कर दिया। तब से रतन सिंह सीबीसी आईडी जांच की मांग कर रहा था। मुख्यमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव भूपेंद्र सिंह ने सात नवंबर को पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में पत्र भेजा और पुलिस महानिदेशक जांच के आदेश दे दिए।