जौनपुर जनपद के सिंगरामऊ क्षेत्र में मवेशियों के उत्पात से गांवों में किसान परेशान हैं। हाईवे पर भी लोगों को दिक्कत होती है। छुट्टा पशुओं की धरपकड़ के लिए सारी कवायद और दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। यह हाल तब है, जब जिले में हर पंचायत में गोआश्रय स्थल खोले गए हैं। इन मवेशियों का इस कदर उत्पात है कि अब वह बीच बाजार व हाईवे पर विचरण कर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों की मानें तो बेसहारा पशुओं से बचाव के लिए गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया है। लेकिन पशुओं के झुंड खेतों में पहुंचकर लगी फसलों को नष्ट कर रहे हैं। किसान फसलों की रखवाली में दिन-रात जुटे रहते हैं। इसके बावजूद भी अपनी गाढ़ी कमाई की फसलों को नहीं बचा पा रहे हैं। मवेशियों के हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। आलम यह है कि सिंगरामऊ से जौनपुर तक हाईवे पर रोजाना 10 से 15 मवेशी गाड़ियों से टकरा जाते हैं, जिसमें लोग भी घायल होते हैं और मवेशी भी चोटिल होते हैं और किसी-किसी की मौत भी हो जाती है। किसान रमेश चंद्र का कहना है कि छुट्टा पशु किसानों के दुश्मन बन गए हैं। रात भर रखवाली के बाद भी फसल चर जाते हैं। किसान राकेश का कहना है कि आवारा पशु आज की सबसे बड़ी समस्या है लेकिन इस पर न प्रशासन न राजनीतिक दल कोई ठोस योजना बना रहे हैं। गांव में बने गो आश्रय केन्द्र बदहाली के शिकार हैं। शनिवार की सुबह बछुआर गांव में हाइवे पर तीन गोवंश मर गए। खंड विकास अधिकारी शरद श्रीवास्तव ने बताया कि बार्डर का एरिया होने के कारण रात में प्रतापगढ़ से लोग लाकर मवेशियों को छोड़ जाते हैं। इस पर रोक के लिए प्रयास किया जाएगा।