जौनपुर जनपद के सिपाह मोहल्ले में गोमती नदी के किनारे स्थित शाही अटाला मस्जिद एक बार फिर चर्चाओं में है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि मुगलकाल से पहले यह अटाला देवी का मंदिर हुआ करता था। बताते चले कि वर्तमान समय में काशी विश्वनाथ परिसर स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद सबके सामने है। ज्ञानवापी को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। इन सबके बीच जौनपुर का अटाला मस्जिद विवाद बढ़ता नजर आ रहा है। इस मामले में पुरातत्व विभाग की टीम ने आलाधिकारियों की उपस्थिति में अटाला मस्जिद पहुंचकर जांच पड़ताल की।
बता दें कि कई हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा अटाला मस्जिद को अटाला देवी मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। उनके मुताबिक मुगल काल से पहले अटाला देवी मंदिर था। शायद इसीलिए कुछ दिनों पहले मस्जिद के अंदर चल रहे काम को हिंदू धर्मावलंबियों ने आपत्ति जताते हुए काम रोक दिया गया था। दावा किया था कि मंदिर के साक्ष्यों को मिटाया जा रहा था। जिसके बाद आनन-फानन में पुरातत्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आलाधिकारियों की उपस्थिति में जांच पड़ताल की गई।
जौनपुर की अटाला मस्जिद को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बड़ा सवाल ये है कि आखिर मस्जिद को किसने बनवाया? सोशल मीडिया पर लगातार इस मामले से जुड़े पोस्ट किए जा रहे हैं। पोस्ट में दावा किया गया हैं कि अटाला मस्जिद के उत्तरी गेट की बालकनी को ढककर दीवारों पर लगे पत्थरों को घिसा जा रहा है। ताकि वो चिकने हो जाए। दावा यह भी किया जा रहा है कि मंदिर होने के साक्ष्य को खत्म किया जा रहा है। तब जौनपुर के मुख्य राजस्व अधिकारी रजनीश राय ने मस्जिद पहुंचकर मौके का निरीक्षण किया था। हालांकि, तब सोशल मीडिया पर किए गए दावे सही नहीं मिले थे।