जौनपुर जनपद के मछलीशहर थाना क्षेत्र के कौरहा गांव में बुधवार को शाही जानवर को पकड़ने के लिए बंजारों द्वारा खोदे गए गड्ढे के नीचे सुरंग मिली है। सुरंग को देखकर बंजारे भाग गए। लेकिन कुछ ग्रामीणों ने रोशनी कर नीचे देखा तो तीन दिशा में सुरंग की जानकारी हुई, जिसके बाद ग्रामीणों की भीड़ लग गई। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस जांच में जुट गई। स्थानीय जानकार भी सुरंग का इतिहास खंगालने में जुट गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक कौरहा गांव में स्थापित नलकूप के पास एक पुराना टीला है। बुधवार को सुबह शाही की तलाश में निकले बंजारों ने वहां पर खुदाई शुरू कर दी। लगभग छह फीट नीचे खुदाई करने के बाद उन्हें सुरंग मिली, जिसमें शाही के भाग जाने की जानकारी मिलने पर वह निराश होकर लौट गए। इसी बीच मौके पर पहुंचे कुछ ग्रामीणों को भी सुरंग की जानकारी हुई तो वीरेंद्र कुमार प्रजापति और सूरज गुप्ता अंदर घुसे और रोशनी के सहारे देखा तो तीन दिशा पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में पक्की सुरंग दिखाई दी। कुछ दूर जाने के बाद वह लौट आए। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस पहुंची। जांच के बाद पुलिस ने कहा कि इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है। मामले की जांच की जा रही है।
तीन दिशा में गई सुरंग की है पक्की दीवार
गड्ढे के नीचे गए सूरज गुप्ता और वीरेंद्र प्रजापति ने बताया कि छह फीट गहरे गड्ढे में उतरने के बाद चबूतरा बना है। रोशनी के सहारे जिससे आगे बढ़ने पर सुरंग की पक्की दीवार दिखाई दे रही है, जो काफी दूर तक दिखी है। सुरंग पश्चिम, उत्तर, और दक्षिण दिशा में बनी है। अंधेरा तथा अनहोनी के डर से आगे जाना संभव नहीं था।
भर राजाओं के किले से है सुरंग का संबंध
कौरहा गांव के 95 वर्षीय बुजुर्ग पंडित दीपनारायण मिश्र बताते हैं कि सगरे कोट जहां पर भर राजाओं का किला था, वहां से संकट के समय भागने के लिए सुरंग बनवाई गई थी। संभावना है कि वही सुरंग इस तरफ आई है। जिस स्थान पर गड्ढे में सुरंग मिली है वह उसी दिशा से आने का संकेत दे रही है। हालांकि सुरंग मिलने के बाद से ग्रामीण रोमांचित होने के साथ ही दहशत में भी हैं।