मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में चूक के मामले में जलालपुर के थानाध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह व दो महिला आरक्षियों पर भी गाज गिरने के आसार हैं। जांच में इन्हें भी उदासीनता का दोषी पाए जाने पर महकमे की तरफ से नोटिस जारी की गई है।
गत नौ सितंबर को जिले में दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सिद्दीकपुर का निरीक्षण करने के बाद सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का जायजा लेने के लिए पचहटिया जा रहे थे। कालेज के गेट से बाहर निकलते ही विपक्षी दल सपा के एक कार्यकर्ता ने काली पन्नी दिखाते हुए नारेबाजी कर दी थी। पुलिस ने उसे और बाद में उसी दिन उसके एक साथी को गिरफ्तार कर चालान कर दिया था।
मामले को गंभीरता से लेते हुए देररात एसएसपी अजय कुमार साहनी ने उक्त चेक प्वाइंट पर तैनात दो सब इंस्पेक्टर व छह सिपाहियों को कर्तव्य पालन में उदासीनता बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया था। अगले दिन सरायख्वाजा के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक अविनाश कुमार राय को भी निलंबित करते हुए पूरे प्रकरण की जांच एएसपी (सिटी) डा. संजय कुमार को सौंपी थी।
जांच में पाया गया कि जितेंद्र बहादुर सिंह व उनकी सहयोगी थाने की महिला आरक्षियों आकांक्षा सिंह व गीता की ड्यूटी मेन गेट पर लगाई गई थी। मुख्यमंत्री की फ्लीट के निकलते समय नारेबाजी कर रहे आरोपित युवक को पकड़कर छोड़ दिया गया था। जिसे बाद में दूसरे पुलिस कर्मियों ने पकड़ लिया। सीओ सिटी कुलदीप गुप्ता की तरफ से एसआइ जितेंद्र बहादुर सिंह व महिला आरक्षियों आकांक्षा सिंह व गीता को भेजी गई विभागीय नोटिस में आरोप लगाया गया है कि उनकी पूरी सतर्कता से ड्यूटी न करने के कारण ही ऐसी अप्रिय घटना हुई थी।